जब हम लंबी दूरी की यात्रा पर निकलते हैं तो सड़क किनारे कुछ पत्थर दिखाई जरुर देते हैं. इन पत्थर पर दूरी लिखी होती है. इनका अलग-अलग रंग भी होता है. कोई हरा होता है, कोई पीला होता है या फिर कोई काला या नारंगी भी होता है. इन पत्थरों को माइलस्टोन कहते हैं, लेकिन आप क्या इनके रंगों के बारे में जानते हैं.
दरअसल, इन रंगों का ख़ास मतलब होता है. अगर आपको किसी सड़क किनारे पर पीले रंग का माइलस्टोन दिखाई दे तो समझ जाइए अप नेशनल हाइवे पर सफ़र कर रहे हैं. अभी देश में करीब 1.01 लाख किलोमीटर तक नेशनल हाइवे का जाल फैला है. देश में इन सड़कों की जिम्मेदारी नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ़ इंडिया पर है.

अगर आपको हरे रंग का माइलस्टोन दिखे तो समझिए वह सड़क स्टेट हाइवे है. जिसका निर्माण राज्य सरकारें कराती हैं. इसके आगे SH लिखा भी दिखाई देता है.
सफ़ेद या काले रंग के माइलस्टोन भी दिखते हैं. यह डिस्ट्रिक्ट की सडकों के बारे में जानकारी दी जाती है. जिसका निर्माण लोकल प्रशासन करता है. कभी-कभी इसके लिए नीले रंग का इस्तेमाल भी किया जाता है.

अगर सफ़र के दौरान नारंगी कलर का माइलस्टोन दिखे तो आप प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क पर चल रहे हैं. इस तरह की सड़कें गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए बनाई जा रही हैं.

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