बोतलबंद पानी की गुणवत्ता पर बेहद डराने वाला खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक दुनिया में 93 फीसदी बोतलबंद पानी में प्लास्टिक के बारीक कण घुले हैं। इनमें दुनिया के 9 देशों के 11 बड़े ब्रांड्स शामिल हैं जिनमें भारत की बिस्लेरी, एक्वाफिना और ईवियन जैसी कंपनियां भी हैं।
 
न्यूयॉर्क की स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने इन ब्रांड्स के 27 लॉट में से 259 बोतलों का टेस्ट किया। इसके लिए दिल्ली, चेन्नई, मुंबई समेत दुनिया के 19 शहरों से नमूने लिए गए थे। इनमें प्लास्टिक के अवशेष पाए गए। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर आई इस रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्चर्स को टेस्ट के दौरान एक लीटर की बोतल में 10.4 माइक्रोप्लास्टिक पार्टिकल्स मिले। यह इससे पहले हुई नल के पानी में पाए गए प्लास्टिक अवशेषों की तुलना में दोगुना है।
 
इनके नमूनों में मिला प्लास्टिक
रिसर्च में जिन ब्रांड्स में प्लास्टिक के अवशेष पाए गए हैं उनमें भारत की बिस्लेरी और एक्वाफिना के अलावा एक्वा, दसानी, एवियन, नेस्ले प्योर लाइफ और सान पेलेग्रिनो जैसे ब्रांड्स का नाम प्रमुख तौर पर दिया गया है।
 
इस तरह के अवशेष पाए गए
बोतलबंद पानी में पाए गए प्लास्टिक के अवशेषों में पॉलीप्रोपाइलीन, नायलॉन और पॉलीइथाईलीन टेरेपथालेट शामिल हैं। इनका इस्तेमाल ढक्कन बनाने में होता है। रिसर्चर्स का मानना है कि पानी में ज्यादातर प्लास्टिक पानी को भरते समय आता है।
 
भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोग गंदा पानी पी रहे
देश के 10 करोड़ से ज्यादा लोग खतरनाक केमिकल मिला पानी पीने को मजबूर हैं। इनमें आर्सेनिक, फ्लोराइड व यूरेनियम जैसे तत्व मिले हैं जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं। यह खुलासा साफ पानी पर काम कर रहे 100 से ज्यादा विशेषज्ञों ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक कॉन्फ्रेंस में किया। इस दौरान पानी व लोक स्वास्थ्य पर रिसर्च करने वाले संगठन इनरेम फाउंडेशन ने रिपोर्ट पेश की। बताया गया कि देश में इस्तेमाल किए जा रहे पानी में ज्यादातर जगहों पर मैंगनीज, क्रोमियम और यूरेनियम की भारी मात्रा पाई गई है।

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