मेवाड़ में शामिल वस्त्रनगरी भीलवाड़ा से अफगानिस्तान हो रहा कपड़े के निर्यात में कमी आई है। इसका कारण जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद पाकिस्तान द्वारा भारत से व्यावसायिक संबंध शीशे तोड़े जाना बताया जा रहा है। अभी तक वस्त्रनगरी के कपड़ा उत्पादक कारोबारी कराची बंदरगाह के जरिए ही अफगानिस्तान के लिए कपड़ा निर्यात करते आए हैं। पाकिस्तान की रोक के बाद अब यहां के कपड़ा कारोबारी दुबई के जरिए अफगानिस्तान के लिए कपड़ा निर्यात के विकल्प की तलाश है। दुबई के रास्ते अफगानिस्तान निर्यात के कड़े नियमों के चलते भीलवाड़ा के वस्त्र कारोबारी मिलकर अपनी एक एक एजेंसी दुबई में खड़ा करना चाह रहे हैं, जिसके जरिए वह दुबई और वहां से अफगानिस्तान कपड़ा निर्यात कर सकेंगे। इस काम में भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेड़िया उनकी मदद में जुटे हैं।
 
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने से पहले वस्त्रनगरी से प्रतिमाह तीस लाख मीटर से अधिक कपड़ा अफगानिस्तान के लिए निर्यात हो रहा था। धारा 370 हटाए जाने से तिलमिलाए पाकिस्तान ने जैसे ही भारत से व्यावसायिक संबंध तोड़ लिए, वैसे ही वस्त्रनगरी से अफगानिस्तान के लिए कपड़ा निर्यात की रफ्तार भी थम गई। जिसका कारण था कि स्थानीय कपड़ा कारोबारी पाकिस्तान के कराची बंदरगाह के जरिए ही अफगानिस्तान के लिए कपड़ा निर्यात करते रहे हैं। नई परिस्थितियों में अब कराची के जरिए वस्त्र के निर्यात पर रोक लग चुकी है और स्थानीय व्यापारी नए विकल्प की तलाश में जुटे हुए हैं। मौजूदा हालात में ईरान और दुबई के जरिए अफगानिस्तान कपड़ा निर्यात किए जाने में बैंक की गाइड लाइन सहित अन्य कई रोड़े हैं।

स्थानीय कारोबारी ईरान के रास्ते की बजाय दुबई के रास्ते कपड़ा निर्यात की संभावना तलाशने में जुटे हैं लेकिन मुश्किल है कि वह निर्यात नीति के चलते सीधे इस रास्ते अफगानिस्तान के लिए कपड़ा निर्यात नहीं कर सकते। इसके लिए उनके समक्ष एक विकल्प है कि यहां के स्थानीय कपड़ा कारोबारी मिलकर दुबई में एक एजेंसी खड़ी करें और जिसके जरिए अफगानिस्तान कपड़ा भेज पाएं। जाहिर है कि यहां के कपड़ा कारोबारियों को पहले दुबई स्थित अपनी एजेंसी को कपड़ा भेजना होगा और वह इसे वहां से अफगानिस्तान के लिए निर्यात करेगी। जिसमें भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेड़िया उनकी मदद कर रहे हैं।
 
सांसद सुभाष बहेड़िया का कहना है कि अफगानिस्तान के लिए कपड़े निर्यात को लेकर आ रही अड़चनों की जानकारी केंद्र सरकार एवं कपड़ा मंत्रालय को दी है। इधर, कपड़ा निर्यात बीडी शूटिंग के निदेशक सौरभ कोठारी का कहना है कि वस्त्रनगरी के आठ से दस निर्यात अफगानिस्तान के लिए कपड़ा निर्यात कर रहे हैं। एक सप्ताह से कराची बंदरगाह के रास्ते कपड़ा निर्यात रूक चुका है। अब नए विकल्प की तलाश को लेकर मंथन जारी है।

दुबई की राह अफगानिस्तान के लिए सीधा कपड़ा निर्यात नहीं किया जा सकता। इसके लिए स्थानीय कपड़ा कारोबारी दुबई में एक एजेंसी खड़े करने के लिए प्रयासरत हैं। जबकि निर्यात एसआर टैक्स फैब के निदेशक आरपी अग्रवल का कहना है कि पाकिस्तान के व्यावसायिक संबंध तोड़े जाने के बाद यहां से कपड़ा निर्यात पर बड़ा असर पड़ा है।

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