अभी अभी रेल मंत्री रेल मंत्री पियूष गोयल ने अबतक कि एक बड़ी घोषणा की है. जो रेलवे की तैयारी करने वाले छात्रों में एक नई उर्जा भर देगी. उन्होंने कहा कि रेलवे की परीक्षा पुराने नियम से ही होगी. ग्रुप में D में ITI की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है. बिहार में हो रहे छात्रों के लगातार विरोध के बाद उठाया यह कदम उठाया गया है. जो इन छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी हैं.

इस पहले रेल मंत्री पियूष गोएल ने फीस को लेकर भी बड़ा ऐलान किया था. बता दें कि छात्र रेलवे की बढ़ी हु फीस से नाराज थे. जिसपर रेल मंत्री ने कहा कि उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होंने उन्हें बढ़ी हुई फीस वापस कर दी जाएगी. परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर उन्होंने यह कहा है कि कई बार कम शुल्क की वजह से लोग आवेदन कर देते हैं लेकिन परीक्षा के दिन गायब हो जाते हैं. ऐसे में सरकार को नुकसान उठाना पड़ता था.

पीय़ूष गोयल ने यह कहा है कि उम्मीदवार किसी भी भाषा में सिग्नेचर कर सकते हैं. आपको बता दें कि ऐसी ख़बरें थीं कि सिर्फ़ हिन्दी या अंग्रेज़ी में किये गये सिग्नेचर को ही मान्यता दी जाएगी. रेल मंत्री ने कहा कि कई बार अगर शुल्क न रखा जाए तो बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी आवेदन करते हैं, जो गंभीर नहीं होते और उस स्थिति में परीक्षा के दिन ऐसे आवेदक परीक्षा देने की जहमत नहीं उठाते. ऐसी स्थिति में परीक्षा के लिए सरकार ने जो इंतजाम किये होते हैं, उन पर खर्च हुई राशि बर्बाद हो जाती है.

यही कारण है कि इस बार रेलवे ने तय किया है कि अनुसूचित जाति व जनजाति समेत जिन वर्गों को पहले इस तरह की परीक्षा के लिए आवेदन के साथ कोई राशि नहीं देनी होती थी, उन्हें अब 250 रुपये की फीस देनी होगी जबकि अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को 500 रुपये की राशि आवेदन के साथ देनी पड़ेगी. गोयल का कहना है कि आवेदन करने वालों में से जितने उम्मीदवार परीक्षा देंगे, उनमें से आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को उनकी पूरी फीस यानी 250 रुपये वापस की जाएगी. वहीं अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को 500 रुपये के शुल्क में से 400 रुपये वापस कर दिये जाएंगे.

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