रेल में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है. रेलवे ने एक नया नियम लागू किया है जो रेल यात्रा करने के दौरान ख़रीदे जाने वाले खाने पीने की वस्तुओं से जुड़ा हुआ है. जिसमे यह कहा गया है कि खाने पीने की वस्तुओं को खरीदने पर यदि बिल नहीं दिया जाता है तो उसका पैसा भी नहीं दिया जायेगा. यानि इस स्थिति में आप फ्री में भोजन कर सकते हैं. रेलवे ने ‘नो बिल, फ्री फूड पॉलिसी’ की शुरुआत की है.

इस नई पॉलिसी को लाने की वजह यह है रेलवे में कई बार खाना खरीदने पर बिल नहीं दिया जाना. रेल यात्रियों की यह भी शिकायत है कि उनसे खाने की तय दाम से अधिक कीमत वसूली जाती है.

रेलवे के इस फैसले से उम्मीद है अब यात्रियों से ट्रेनों में खाने की अधिक कीमत वसूली नहीं जाएगी. रेलवे ने कहा है कि यात्री अब खाना लेने के बाद इसका बिल मांगें और अगर कोई वेंडर बिल देने से मना करता है तो खाने के पैसे न दें.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे के अफसरों ने इस पॉलिसी को लाने की मुख्य वजह बताते हुए कहा है कि खाना देने वाले वेंडर यात्रियों को मांगने के बावजूद खाने की बिल नहीं देते हैं. पिछले साल अप्रैल से अक्टूबर के बीच रेलवे को खाने की अधिक कीमत वसूले जाने संबंधी 7000 से अधिक शिकायतें मिली थीं.

इस मामले को रेल मंत्री पियूष गोयल ने काफी गंभीरता से लिया और इस नियम शुरू करने का आदेश दिया. उन्होंने रेलवे में ऐसे वेंडरों और खाना देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है जो बिल नहीं देते और सामानों पर अधिक पैसे बसुलते हैं. उन्होंने कहा है कि अगर कोई वेंडर खाने के बॉक्स के ऊपर कीमत को नहीं लिखता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाये.

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