बिहार की सियासत में अगले चुनाव से पहले हर पार्टी खुद को मजबूत बनाने में लगी हुई है, बीजेपी और जदयू भले एक साथ गठबंधन में हैं पर दोनों अपने संगठन के विस्तार के मामले कोई समझौता नहीं चाहती है. अभी कुछ दिनों से बिहार में जदयू यह कह रही थी राजद में भगदड़ मचने वाली है बहुत से नेता सीएम नीतीश से प्रभावित होकर उनकी पार्टी से जुड़ने वाली है.

यह सही बात है कि राजद एक बड़े नेता ने पार्टी छोड़ी है लेकिन वो जदयू ने साथ नहीं गये. बल्कि बीजेपी का दामन थाम लिया. बता दें कि बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की मौजुदगी में राजद छोड़ने वाले बड़े नेता अशोक सिन्हा ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली. गौरतलब हो कि अशोक सिन्हा ने आरजेडी के महासचिव पद से इस्‍तीफा दे दिया था.

अशोक सिन्‍हा लालू यादव के बेटे तेजस्‍वी यादव से नाराज थे. अशोक सिन्‍हा ने कहा था, ‘मौजूदा समय में आरजेडी अप्रासंगिक हो गई है इसलिए बेहतर है कि समय बर्बाद करने की जगह पार्टी छोड़ दी जाए. तेजस्वी यादव लालू जी की तरह पार्टी का नेतृत्व नहीं कर सकते.” ज्ञात हो कि लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में सजा होने के बाद उनकी गैरमौजूदगी में आरजेडी की कमान उनके बेटे और बिहार के पूर्व उप मुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव संभाल रहे हैं.

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