एक बड़े अधिकारी के कारनाम से फिर से पूरा बिहार शर्मसार हो उठा है. उसने एक लड़की के साथ छेड़छाड़ और यौन शोषण कर अपनी मर्यादा को लांघ दिया. ऐसा करने वाला आयकर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर रामबाबू गुप्ता है, जो मंगलवार को गिरफ्तार किया गया है. वह दीघा के रेलवे कॉलोनी स्थित हॉस्टल से रात के ढाई बजे गिरफ्तार किया गया. 2005 के आईआरएस अफसर रामबाबू पर छेड़खानी, यौन शोषण के साथ ही पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है. वह बोरिंग रोड स्थित कोचिंग संस्थान एकलव्य सुपर-50 के चीफ मेंटर हैं.

आरोपी रामबाबू कोचिंग हॉस्टल के चौथे फ्लोर पर रहते था. इसी हॉस्टल में सिक्किम, पूर्वोत्तर राज्यों की गरीब छात्राएं व छात्र रहकर मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करते हैं. रामबाबू को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. पुलिस ने 16 साल की नाबालिग छात्रा का मेडिकल टेस्ट कराने के साथ उसका बयान कोर्ट में दर्ज करा दिया. पटना में पदस्थापित 40 साल के रामबाबू सीतामढ़ी के लक्ष्मीपुर गांव के रहने वाले हैं.

रामबाबू को उनकी पत्नी ने छोड़ दिया है. पीड़िता के पिता सिक्किम में एसआई हैं. प्रभारी एसएसपी ललन मोहन प्रसाद ने बताया कि आरोप की पूरी जांच की गई. मामला सही पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया. जरूरत पड़ी तो उन्हें रिमांड पर लिया जाएगा. कड़क अधिकारी की पहचान वाले आयकर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर रामबाबू गुप्ता से जब हॉस्टल की छात्राओं व पीड़िता ने पूछताछ की तो वह गिड़गिड़ाने लगा. पीड़िता के पिता भी मंगलवार की देर रात वहीं मौजूद थे. एक छात्रा ने अपने मोबाइल में उससे हो रही पूछताछ की रिकॉर्डिंग शुरू कर दी थी, जिसकी जानकारी शायद कमिश्नर को नहीं थी.

उसने ऐसा इसलिए किया कि पुलिस को साक्ष्य के रूप में दिया जाए. उस ऑडियो में कमिश्नर कह रहा है-मैंने जो भी किया, इसके लिए माफ कर दो. पीड़िता चाह रही थी कि वह पूरी बात सबों को बताए. अन्य छात्राएं काफी गुस्से में थीं. बाद में कमिश्नर ने कहा कि मैंने इंसल्ट किया है. जो तुम कह रही हो वह सब सही है. उसपर पीड़िता के पिता ने कहा-माफ कर दिया जाए आपको? पुलिस सूत्रों के अनुसार उग्र छात्राओं ने कमिश्नर की हॉस्टल में पिटाई भी की. पिटाई होने के बाद वह धमकी और अपने रुतबे का धौंस दिखाने लगा था.

मंगलवार की देर रात विधि-व्यवस्था डीएसपी हॉस्टल में पहुंच गए. उस वक्त छात्राएं, पीड़िता व उसके पिता उससे पूछताछ कर रहे थे. पुलिस को देखते ही कमिश्नर के होश उड़ गए. पुलिस ने बारी-बारी से पीड़िता, अन्य छात्राओं व वार्डन से पूछताछ की. पीड़िता का अलग से बयान लिया. उसके आरोपों को सुना. फिर उसके बाद कमिश्नर से पूछताछ हुई. प्रथमदृष्टया मामला सही पाया. पीड़िता ने पुलिस को सिक्किम सरकार से जारी अपना जन्म प्रमाणपत्र दिया था जिसमें उसकी जन्म तिथि 30 नवंबर, 2001 है. चूंकि वह नाबालिग है, इसलिए पुलिस ने कमिश्नर पर पॉक्सो की धाराएं भी लगा दीं.

पीड़िता के पिता ने कहा कि पुलिस ने उसे पकड़ लिया है. जब थाने पहुंचा तो पता चला कि पुलिस उसके खिलाफ हलकी धारा लगा रही है. उनका कहना था कि मैं भी पुलिस में रहा हूं. पुलिस धारा 354 ए और 354 डी लगा रही है. उसपर आईपीसी की धारा 386 डी, 509, 54 और 36 लगनी चाहिए.
इनपुट:DBC

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