11 फरवरी, 2021 को, कर्नाटक के उडुपी की 22 वर्षीय रश्मि सामंत को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष के रूप में चुना गया।
हालांकि, रश्मि को अपने पिछले कुछ सोशल मीडिया पोस्टों पर नाराजगी के बाद पांच दिनों के भीतर इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया गया। लोगो ने उन पोस्टों को सेमेटिक विरोधी और नस्लवादी माना। इस बात पर सामंत ने अनजाने में भावनाओं को आहत करने के लिए माफी भी माँगी, लेकिन उसे स्टूडेंट यूनियन अध्यक्ष की पोस्ट छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।

सामंत का कहना है कि उसे गलत तरीके से निशाना बनाया गया है। यहां तक ​​कि उसके परिवार को भी एक फैकल्टी मेंबर द्वारा इस पूरे चक्कर में खींचा गया है।
यह सब रश्मि की कुछ पुरानी सोशल मीडिया पोस्ट के कैप्शन की वजह से शुरू हुआ जिसके बारे में उनका कहना है, “मैं उन सभी से एक सवाल पूछना चाहती हूं जिन्होंने मुझे मेरे पास्ट के सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए असंवेदनशील और नस्लवादी करार दिया। क्या आप सब खुद संवेदनशील हैं जब आप एक नॉन-नेटिव अंग्रेज़ी बोलने वाली टीनेजर के सोशल मीडिया कैप्शन के आधार पर उसके मूल्यों का आंकलन करते हैं? वे एक टीनेजर के शब्द थे जो नयी-नयी सोशल मीडिया की दुनिया में पहुँची थी। जो मेरी अज्ञानता की वजह से सचमुच आहत हुए मैं फिर से उनसे माफी माँगती हूँ।

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