अभी अभी मिली एक बड़ी खबर एक बड़े सियासी भूचाल की और संकेत कर रही है. कहा जा रहा है ऐसे कई नेता है जो बिहार की राजनीति में अचानक आये बदलाव को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. यदि साफ साफ कहे तो कई नेता बिहार में राजद+कांग्रेस+जदयू को मिलकर बनी महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद काफी नाराज चल रहे हैं. जदयू में ऐसे कई नेता है जो बीजेपी और जदयू गठबंधन की सरकार को लेकर पूरी तरह से असहज महसूस कर रहे हैं.

इन सभी नेताओं को लेकर यह सामने आ रहा है कि आने वले नये साल में ये जदयू-बीजेपी से नाता तोड़ सकते हैं. सूत्रों की माने तो कई ऐसे नेता हैं जो अगले साल मकर सक्रांति के बाद पाला बदल कर जदयू को झटका दे सकते हैं. कथित तौर पर जोड़ तोड़ की गणित अभी से शुरू कर दी गई है. इनमें से एक नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी भी हो सकते हैं, जो इन दिनों अपनी पार्टी से नाराज चल रहे है. ऐसे भी उनको समर्थन देने वाले 300 से अधिक कार्यकर्ता जदयू से इस्तीफा दे चुके हैं.

उधर यह भी खबर है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में हासिल हुई 77 सीटों के बाद से उनके पार्टी के नेता काफी उत्साहित है. भले यहां कांग्रेस नहीं जीती लेकिन बीजेपी को कड़ी टक्कर मिली है. नतीजों को देखकर बीजेपी और दुसरे दलों में गए कई कई पुराने कांग्रेसी घर वापसी की तैयारी में लगे हुए है. राजद और कांग्रेस के तरफ से यह दावा भी किया जा रहा है कि जदयू और बीजेपी भगदड़ मचने वाली है. हालांकि यह बात तो समय आने पर ही पता चलेगा पर इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि राजनीति में कुछ भी संभव है.

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