केंद्र सरकार पर्यावरण अनुकूल उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए देश भर में निर्माण परियोजनाओं में पके हुए ईंटों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।
 

एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया है कि वह इस बात को देखे कि क्या उसकी निर्माण परियोजनाओं में पकी ईंटों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सकती है।
 
मंत्रालय के निर्देश पर सीपीडब्ल्यूडी ने अपने अधिकारियों से इस पर राय मांगी है और 11 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, बेकार समान से पर्यावरण अनुकूल ईंट बनाने की अनेक तकनीक मौजूद हैं।

 
ईंट भट्ठे से वायु प्रदूषण : परंपरागत तरीके से चलने वाले ईंट-भट्ठे से बड़ी मात्रा में वायु प्रदूषण फैलता है, क्योंकि ईंटों के निर्माण में कोयले का इस्तेमाल होता है। वहीं दिल्ली-एनसीआर ईंट भट्टे स्वच्छ दहन प्रौद्योगिकी से दूर हैं।
 
इसी साल अप्रैल में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों पर उस अपील के संबंध में जवाब दाखिल न करने के लिए नाराजगी जाहिर की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि ईंट भट्ठों के अवैध परिचालन का नतीजा राष्ट्रीय राजधानी में अत्यधिक वायु और जल प्रदूषण के रूप में सामने आया है।.

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