भारत सरकार फीचर फोन्स को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है. जिसके बाद एक नियम पुरे देश में लागु हो सकता है. वो नियम है फीचर फोन्स में जीपीएस की अनिवार्यता का, जिसमें कुछ समय पहले छुट दी गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सरकार फीचर फोन्स में जीपीएस को अनिवार्य करने वाली है. इस फैसले के बाद फोन्स में पैनिक बटन रोल-आउट कर पाएगी. पैनिक बटन महिलाओं को किसी संदिग्ध स्थिति में सुरक्षित रहने में मदद के लिए लाने की योजना है.

भारत सरकार ने सभी मोबाइल निर्माताओं से 2016 में सेल फोन्स में पैनिक बटन और जीपीएस उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था. इससे मुश्किल स्तिथि में महिलाओं की मदद करने में आसानी होगी। लेकिन पिछले नवम्बर फीचर और नॉन-स्मार्टफोन्स को इस आदेश से छूट मिल गई थी. छूट मिलने के पीछा का कारण यह रहा था की मोबाइल निर्माताओं का कहना था इससे फोन की कॉस्ट बढ़ जाएगी.

इस मामले में महिला और बाल विकास मंत्रालय वरिष्ठ अधिकारी ने यह बताया है, “टेलीकॉम मिनिस्ट्री ने हमें आश्वासन दिया है की पिछले नवमबर में दी गई छूट को वापस ले लिया जाएगा और 2016 में दिए गए आदेश को फिर से बहाल किया जाएगा.”

यह भी खबर है कि फोन में जीपीएस लाने से इसकी लागत 200 रुपये तक बढ़ सकती है. हमें लगता है की इस बाबत लोग अधिक पैसे अदा करने के लिए राजी होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि इस फीचर को लोगों की सुरक्षा के लिए ही लाया जा रहा है. कार में सुरक्षा के लिए सीटबेल्ट और एयरबैग होते हैं. इससे भी कार की कॉस्टिंग बढ़ जाती है, लेकिन फिर भी उपभोक्ता इसे खरीदते हैं. इसी तरह इन फोन्स को भी खरीदा जाएगा क्योंकि सेफ्टी फीचर्स होना समय की मांग और जरुरी है. कई सरकारी अधिकारीयों द्वारा पैनिक बटन की सफलता के लिए फोन में जीपीएस को जरुरी करने की बात कही जा रही है. इसके माध्यम से फोन को आसानी से फोन ट्रैक किया जा सकता है.

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