एक नजर पूरी खबर

  • ग्रामिण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर शहरों के मुकाबले काफी कम है, ऐसे में वहां मौजूद संसाधनों के जरिये ही कोरोना वायरस से लड़ना होगा।
  • सोशल डिस्टेंसिंग, हैंडवाश, मास्क पहनना इन सभी कामों को ईमानदारी से किया जाए तो बहुत हद तक कोरोना से बच सकते हैं।
  • दिन में कम से कम 3 बार गरम पानी, हल्दी वाला दूध और काढ़ा पीने से शरीर में मौजूद वायरस खतम हो जाते हैं और ऐसे में कोरोना से बचा जा सकता है।

कोरोनावायरस अब धीरे-धीरे गांव में भी फैलता हुआ नजर आ रहा है। अगर इसको समय पर रोका नहीं या तो यह भयंकर स्थिती पैदा कर सकता है। ग्रामिण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर शहरों के मुकाबले काफी कम है, ऐसे में वहां मौजूद संसाधनों के जरिये ही कोरोना वायरस से लड़ना होगा।
देश के सबसे वड़े कोविड केयर सेंटर पर मरीजों का इलाज कर चुके डॉ. राजकुमार का कहना है कि, गांव में कोरोना से बचने के लिए लोगों को अपने-अपने स्तर पर ही कदम उठाना हागा। सोशल डिस्टेंसिंग, हैंडवाश, मास्क पहनना इन सभी कामों को ईमानदारी से किया जाए तो बहुत हद तक कोरोना से बच सकते हैं।
साथ ही डॉक्टर का कहना है कि ग्रामिण इलाकों में जो लैब सिस्टम है, उसने अभी तेजी नहीं पकड़ी है। कई राज्य ऐसे हैं जहां दो सप्ताह में टेस्ट रिपोर्ट आ रही है। हो सकता है कि जब तक रिपोर्ट आए तब तक मरीज की तबियत और बी कराब हो जाए। गांव में अगर सेशल डिस्टेंसिंग, हैंडवाश और मास्क इन तीन बातों का ध्यान रखा जाए तो कोरोना से बचा जा सकता है। दिन में कम से कम 3 बार गरम पानी, हल्दी वाला दूध और काढ़ा पीने से शरीर में मौजूद वायरस खतम हो जाते हैं और ऐसे में कोरोना से बचा जा सकता है।

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