खाड़ी देशों में बसा दुनिया का एक शहर जिसे रेगिस्तान का मैनहैटन कहा जाता है। रेतीली आंधी और बारिश के बावजूद भी ये शहर कई सालों से ज्यों का त्यों खड़ा है। इस शहर का नाम है शिबम, जो मध्य पूर्वी देश यमन के रेगिस्तानी इलाके में बसा है। इस शहर को रोगिस्तान का मैनहैटन और रेगिस्तान का शिकागो भी कहा जाता है।

सीमेंट, कंक्रीट और लोहे के दौर में आज भी यहां की इमारते पूरी तरह मिट्टी से बनी हैं। कई सालों से सर्दी, गर्मी और बारिश के बावजूद यहां की गगनचुंबी इमारते जस की तस खड़ी हैं। शिबम शहर का इतिहास तीसरी सदी से है, लेकिन ये शहर अस्तित्व में 16वीं शताब्दी के दौरान आया। उस समय इस शहर में मिट्टी से बहुमंजिला इमारतें बनानी शुरू की गई थी। तब से लेकर अब तक ये इमारतें ऐसी ही खड़ी हैं। आज भी यहां तकरीबन 7000 लोग रहते हैं। शिबम शहर की एक और खास बात ये है कि ये शहर एशिया, अफ्रीका और यूरोप जाने वाले रास्ते पर बसा हुआ है। यहां के लोग मुख्य रूप से जानवर पालकर अपना गुजारा करते हैं।

इतिहासकारों के मुताबिक, तीसरी सदी से इस शहर के प्रमाण मिल जाते हैं। 1530 में यहां एक बार भयंकर बाढ़ आई थी, जिसके कारण ये पूरा शहर खत्म हो गया था। इसके बाद जो लोग जिंदा बच गए उन्होंने मिट्टी से ही बहुमंजिला इमारतें बना डाली। इस शहर में ऐसी 500 से ज्यादा इमारते हैं। इनमें से ज्यादा बिल्डिंगें 5 मंजिल, तो कुछ 11 मंजिल ऊंची हैं। दुनिया में कोई ऐसा दूसरा शहर नहीं है, जहां इस तरह मिट्टी से बनाई गई ऊंची इमारते हैं।

ऐसा नहीं कि इन इमारतों को नुकसान नहीं होता। साल 2008 में आए एक भयानक तूफान के दौरान इस शहर की गई इमारतों को भारी नुकसान हुआ, लेकिन यहां रहने वाले लोगों ने इन्हें फिर से ठीक कर दिया और आज भी ये इमारतें जस की तस बनी हुई हैं। हालांकि, इस तूफान में 1-2 इमारतें पूरी तरह तबाह हो गई थीं, जिनके निशान आज भी यहां देखने को मिल जाएंगे।

इस शहर की बिल्डिंगें दूर से देखने पर बेहद खूबसूरत लगती हैं। शायद यही वजह है कि दुनियाभर के पर्यटक हर साल यहां खिंचे चले आते हैं। ऊंची-ऊंची इन इमारतों को इतने सुंदर ढंग से बनाया गया है ये हर किसी का दिल छू लेती हैं। रेगिस्तान में होने के बावजूद ये शहर समुद्र तट के पास बसा है, इसलिए यहां औसत तापमान भी 28 डिग्री के आसपास रहता है। यहां न तो भयंकर गर्मी पड़ती है और न ही ठंड। जून में यहां तापमान 34 डिग्री जबकि दिसंबर में तापमान 14 डिग्री से नीचे नहीं जाता। यहां बारिश तो ज्यादा नहीं होती फिर भी साल भर में 64-65 इंच तक बारिश रिकॉर्ड की जाती है।

सीरिया से सटा होने के कारण ये शहर आतंकियों के निशाने पर भी रहा है। साल 2009 में आतंकी संगठन अल कायदा ने भी यहां कुछ धमाके किए थे, जिससे कुछ बिल्डिंगों को नुकसान पहुंचा। इसके अलावा सीरियाई सेना और विद्रोहियों के संघर्ष के दौरान बम धमाके में भी इस शहर की कुछ बिल्डिंगों को नुकसान पहुंचा था। हालांकि, इस शहर के लोगों ने इन्हें फिर से पहले जैसा कर दिया। आज के समय में ISIS का आतंक होने के बावजूद भी ये शहर पूरी तरह आतंकियों से सुरक्षित है। यमन की फौज इस शहर के आसपास हमेशा तैनात रहती है। इस खूबसूरत शहर को साल 2015 में यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया।
इनपुट: DAILYHUNT

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *