केरल के बाद निपाह वायरस का कहर देश अन्य हिस्सों में भी मंडराने लगा है। पूरा देश ‘निपाह वायरस’ की वजह से दहशत में है, केरल से लेकर दिल्ली तक, तमिलनाडु से लेकर कन्याकुमारी तक लोग इस वायरस के कारण सहमे हुए हैं. ‘निपाह वायरस’ को लेकर बिहार सरकार ने भी एडवायजरी जारी की है जिसमें इससे बचाव के संबंध में बताया गया है. एडवायजरी में सरकार ने ‘निपाह वायरस’ के फैलने के कारण का उल्लेख किया है और इससे बचाव के उपाय बतलाए हैं. यह एडवायजरी बिहार सरकार के स्वास्थ्स्य विभाग की ओर से जारी की गयी है. आपको बता दें कि केंद्र सरकार पहले ही ‘निपाह वायरस’ को लेकर एडवायजरी जारी कर दी है.
बिहार ने राज्य के लोगों को निपाह वायरस के संबंधिक एक एडवाइजरी जारी की है. सरकार ने एडवाइजरी में लिखा कि, केरल में निपाह वायरस ने दस्तक दे दी है. यह वायरस बहुत ही खतरनाक है. जिससे बचाव की हमें आवश्यकता है. इसके साथ इस लैटर में निपाह कैसे फैलता है और उससे कैसे बचा जा सकता है. इसके बारे में बताया गया है.
लोगों को केरल से आने वाले फलों को अच्छी तरह से धोकर कर खाने को कहा गया है. भीड़- भाड़ वाले इलाके में जाने से परहेज और चेहरे पर मास्क लगाकर सफर करने को कहा गया है. स्वास्थ्य सेवा के निदेशक प्रमुख डॉ आरडी रंजन ने सभी सिविल सर्जन को निपाह वायरस से बचाव के लिए प्रचार- प्रसार करने को कहा है. निपाह वायरस के चमगादड़ और सुअर वाहक हैं. संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने अथवा इनके सेवन से निपाह वायरस की चपेट में आने की आशंका रहती है. संक्रमित व्यक्ति से बीमारी फैलती है. निपाह वायरस मष्तिक ज्वर से भी जुड़ा हुआ है. इस वायरस से संक्रमित व्यक्त 24 से 48 घंटे के अंदर कोमा में चला जाता है. मरीजों की जांच ELISA द्वारा NIV पुणे में की जाती है. जरूरत पड़ने पर मरीजों को आईसीयू में भी करना पड़ता है.
ये हैं बचाव:
- चमगादड़ों वाले इलाकों में अत्यधिक सावधानी बरतें.
- गिरे हुए फल या जानवरों के झूठे फल का सेवन न करे.
- सुअरों के संपर्क में रहने वालों से दूर रहें.
- केले, आम और खजूर को लेकर विशेष सतर्क रहें.
- स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। दिन में कई बार साबुन से हाथ साफ करें।
- भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करे, मास्क लगाकर ही यात्रा करें।
- वायरस का प्रकोप कम होने तक ताड़ और खजूर के रस,ताड़ी, नीरा का सेवन ना करें।