भागलपुर स्थित कहलगांव के एक 14 साल के बच्चे ने इच्छा मृ’त्यु की अनुमति मांगी है। अनुमति के लिए छात्र ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य अधिकारियों को पत्र भेजा है। छात्र ने मां पर कई गंभीर आरोप लगाया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने डीएम को रिमाइंडर भेजकर सात दिनों के अंदर जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा है। छात्र ने कहा है कि कक्षा में राष्ट्रपति के कार्यों को पढ़ाया गया। उसी जानकारी के आधार पर वह इच्छा मृ’त्यु की अनुमति मांग रहा है। पिता से पहले खुद मरना चाहता है। पत्र में छात्र ने कहा है कि पिता को खोना नहीं चाहता। मां का प्यार नहीं मिला। मां के रहते अनाथ की तरह तड़पा। चार माह की उम्र में पढ़ायी और तरक्की के लिए मां ने दादा-दादी के घर भेज दिया। पिता ने मां से अधिक प्यार दिया, लेकिन स्कूल में अन्य छात्रों की मां को देखने पर तरसता था।

मां को नौकरी, फिर भी परेशान रहा
पांच पन्ने के पत्र में छात्र ने मां पर कई तरह का आरोप लगाया है। कहा गया है 2011 में छात्र की मां को बैंक में नौकरी मिली। नौकरी लगने के बाद मां पिता को और परेशान करने लगी। मां का तबादला हो गया। इस दौरान पिता की नौकरी चली गयी। मां ने पिता पर केस कर दिया। इसके बाद पुलिस पिता को परेशान करने लगी। पुलिस ने पिता से रिश्वत भी ली।

आयोग गंभीर
छात्र के पत्र को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग के वरिष्ठ परामर्शदाता रमण कुमार गौड़ ने डीएम को पत्र भेजकर कहा है कि 29 अप्रैल 2019 को मामले की जांच कर 10 दिनों में रिपोर्ट मांगी गयी थी, लेकिन अभी तक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। आयोग ने सात दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।

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