जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव की भले ही राज्यसभा से सदस्यता समाप्त कर दी गई हैं पर वो हार मानने को तैयार नहीं हैं. यह बात उन्होंने भी कई बार दोहरायी है. उनके गुट के नेताओं का यह कहना है कि ‘तीर’ निशान पर शरद यादव का अधिकार हैं. इसके लिए उनके गुट के तरफ से अपनी दावेदारी साबित करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई हैं. जिसपर सुनवाई करने के बाद आज इस मामले में हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दिया है. जेडीयू चुनाव चिन्ह्र तीर नीतीश कुमार गुट को देने पर जवाब मांगा हैं. जिसमे यह पूछा गया है कि किस आधार पर नीतीश के जेडीयू को दिया गया सिंबल बताएं?

शरद द्वारा ‘तीर’ चुनाव चिह्न को लेकर दायर याचिका पर अगली सुनवाई 18 फरबरी को होगी. मालूम हो इससे पहले इस मामले में चुनाव आयोग ने सुनवाई की थी. उसके बाद चुनाव आयोग ने नीतीश गुट को ‘तीर’ दे दिया था. मालूम हो कि शरद यादव के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. जबकि पूर्व में शरद अध्यक्ष थे, कहा जाता है कि वे जदयू के संस्थापक सदस्य भी है.

उन्होंने बिहार में राजद, कांग्रेस और जदयू गठबंधन की सरकार टूट जाने के बाद से नीतीश से किनारा कर लिया था. शरद बीजेपी और जदयू गठबंधन की सरकार के पक्ष में नहीं थे. उन्होंने इसका जमकर विरोध किया. शरद का यह कहना था बिहार की जनता ने महागठबंधन को अपना वोट दिया था लेकिन नीतीश ने बीजेपी से हाथ मिला कर इस जनादेश का अपमान किया है. बता दें कि शरद को लेकर यह भी खबर हैं कि वो अपनी नई पार्टी बनाने वाले हैं. जिसका ऐलान वो जल्द करेंगे.

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