भागलपुर में गंगा नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बढ़ रही है। वह शहर में भी घुस चुकी है। इस वजह से शव जलाने के लिए श्मशान की जमीन कम पड़ने लगी है। बरारी स्थित श्मशान घाट में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। इस वजह से शव जलाने के लिए श्मशान घाट का एक बड़ा भूभाग लगभग 50 मीटर की परिधि में सिमट गया है। वहीं, लोगों की समस्या पर डीएम का कहना है- अगले साल तक स्मार्ट सिटी में विद्युत शवदाह गृह बना दिया जाएगा। फिर दिक्कत नहीं होगी।’

बरारी श्मशान घाट पर आए बांका जिला के निरंजन प्रसाद सिंह ने बताया- ‘वो अपने पिता भागवत प्रसाद सिंह के अंतिम संस्कार करने के लिए भागलपुर के बरारी श्मशान घाट आये थे, लेकिन यहां जल जमाव होने की वजह से काफी परेशानी हो रही है। 50 मीटर की परिधि में ही दो शव जल रहे हैं। ऐसे में कोई तीसरा शव अगर आ जायेगा तो उसे कम से कम चार पांच घण्टे इंतजार करना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा- ‘सरकार को चाहिए कि ऊंचे जगह की व्यवस्था की जाए, ताकि हम हिन्दुओं को संस्कार करने में दिक्कत नहीं हो।’

वहीं, तेतरी नवगछिया निवासी शम्भू चौधरी ने बताया- ‘पूरा नवगछिया गंगा के कटाव में समा चुका है। चारों तरफ पानी ही पानी है। अब जमीन कहीं भी खाली नहीं है। जहां शव का अंतिम संस्कार किया जा सके। ऐसे में विक्रमशिला पुल कर नीचे थोड़ी सी जगह मिली है, लेकिन यहां भी बहुत दिक्कत हो रही है।’

उन्होंने बताया- ‘तेतरी निवासी स्वतंत्रता सेनानी जयराम चौधरी की 85 वर्षीय पत्नी गायत्री देवी का निधन हो जाने पर उनका शव जलाने के लिए जमीन नहीं मिल रही है। कहीं जमीन मिल भी रही है तो आसपास के लोग शव जलाने नहीं दे रहे हैं। इसलिए खोजते-खोजते विक्रमशिला पुल के नीचे थोड़ी सी जगह दिख रही है, जहां शव जलाया जाएगा। प्रशासन यह नही बता रहा है कि शव कहाँ जलाएं।’

लकड़ी ले जाने में हो रही परेशानी

ग्रामीण बता रहे हैं- ‘विक्रमशिला पुल के पास पत्थर का बोल्डर डाला हुआ है। इस वजह से ऊपर से नीचे की ओर जलावन या शव ले जाने में काफी परेशानी होती है। पैर फिसलने का डर बना रहता है। ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि शव जलाने के लिए जमीन उपलब्ध कराए।’

भागलपुर के डीएम सुव्रत कुमार ने बताया- ‘कुछ दिनों में पानी का लेवल कम होने की उम्मीद है। अभी गंगा खतरे के निशान से बहुत ऊपर बह रही है। बहुत जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी। स्मार्ट सिटी के तहत एक और विद्युत शवदाह गृह बनाया जाना है। टेंडर एक दो दिन में निकल जायेगा। इसका निर्माण कार्य अगले बाढ़ के समय के पहले पूरा हो जाने की उम्मीद है। इसके बाद इस तरह की भयावह स्थिति नहीं होगी।’

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *