शगुफ्ता रफीक एक बहुत ही ख़ास नाम हैं लेकिन इस नाम को बहुत ही कम लोग जानते हैं ।तो आज हम आप को इनके पीछे की कहानी बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जायेंगे ।बहुत ही कम लोग जानते हैं सगुफ्ता आशिकी 2 की राइटर महज 17 साल की उम्र में ही प्रॉस्टिट्यूट बन गयी थी और इस बात खुलासा शगुफ्ता ने खुद एक इंटरव्यू में किया था ।सगुफ्ता ने बताया था “साढ़े सत्रह साल की उम्र में मैं प्रॉस्टिट्यूट बन गई थी। एक अजनबी के साथ वर्जिनिटी खोना बहुत दर्दनाक होता है। 27 साल की उम्र तक मैं एक आदमी से दूसरे आदमी के पास जाती रही। मेरी मां यह जानती कि मैं प्रॉस्टिट्यूशन कर रही हूं।”

सगुफ्ता ने बताया था की वह अपनी बायलॉजिकल मां को नहीं जानती थीं ।उनके हिसाब से अनवरी बेगूं जिन्होंने उन्हें गोद लिया था उन्हें ही अपनी माँ मानती थी ।वे कहती हैं, “उस वक्त मेरे जन्म को लेकर तीन तरह की बातें कही जाती थीं। एक कि मैं अपने जमाने की फेमस एक्ट्रेस और डायरेक्टर बृज सदाना की पत्नी (कमल सदाना की मां) सईदा खान की बेटी हूं। दूसरी कि मैं किसी ऐसी मां की बेटी हूं, जिसने किसी अमीर आदमी से संबंध बनाए और पैदा करके मुझे छोड़ दिया। तीसरी यह कि मेरे पेरेंट्स झोपड़पट्टी में रहते हैं और उन्होंने मुझे फेंक दिया था। मैं दो साल की थी, जब सईदा की शादी बृज साहब से हुई। अक्सर, जब लोग मुझे अनवरी बेगम के साथ देखते थे तो कहते थे, ‘नानी के साथ जा रही हो।

सगुफ्ता ने बताया की वह जब छोटी थी उस दौरान लोग उन्हें हरामी लड़की कहा करते थे और इसी वजह से वह बहुत रोटी थी और किसी के साथ रहना पसंद नहीं करती वे कहती हैं, “कई ऐसे सस्पेंस थे, जिनकी वजह से मैं क्रूर हो गई। मैंने स्कूल छोड़ दिया। मैं लोगों से लड़ती थी। इसलिए नहीं कि मैं उनसे नफरत करती थी। बल्कि इसलिए कि मुझे लगता था कि वे मुझसे नफरत कर रहे हैं। फिर मैं सोचती कि ऐसी महिला क्यों होनी चाहिए, जो अपने पति के डर से मुझे अपना भी नहीं सकती। बच्चा तो एक कुत्ता भी पैदा करता है। मैं एक जानवर की तरह थी, जिसे पैदा किया और फेंक दिया। मैंने यह मानने से इनकार कर दिया कि अनवरी बेगम मेरी मां है। हालांकि, एक वही थीं, जो हमेशा मेरे साथ रहीं। अनवरी के दूसरे पति का नाम मोहम्मद रफीक था। यही वजह है कि मैं शगुफ्ता रफीक बन गई।”

“हालंकि बृज शाहब मुझसे बहुत नफरत किया करते थे क्यूंकि वह नहीं जानते थे की में कौन हु और दूसरी वजह ये भी थी में और माँ अनवरी बेगम उनपर फाइनेंशियली डिपेंड थे ।बृज साहब का गुस्सा जायज था। उन्हें लगता था कि जब अनवरी बेगम का एक बेटा है तो वे क्यों उनकी मदद करें। वे बहुत कन्फ्यूजन में थे। उनकी फ़िल्में फ्लॉप हो रही थीं और यही वजह है कि उन्होंने शराब के नशे में पत्नी सईदा, बेटी नम्रता और खुद को गोली मार ली। नौकरानी ने हमें आकर यह बताया। तब मैं 25 साल की थी, जब सईदा आपा की डेथ हो गई।”

आगे सगुफ्ता ने बताया की “जब मेने देखा की मेरिअ माँ अनवरी बेगम जो की एक समय में बहुत पैसे वाली थी और अब वह जिंदगी जीने के लिए पहले अपने हाथो की चुडिया बेचीं फिर अपने घर के बर्तन तक बेचने लग गयी ,ये सब देख कर मेने प्राइवेट पार्टियों में नाचने का फैसला करलिया ।इन पार्टियों में बहुत ही बड़े बड़े लोगो कॉल गर्ल्स के साथ आया करते थे ।इनमें हाई रैंकिंग ऑफिसर्स, पुलिस, मंत्री, इनकम टैक्स ऑफिसर्स पैसा उड़ाते थे और मैं उसे झोली में समेट लिया करती थीं। 17 साल की उम्र तक मैंने यही सब किया।”

सगुफ्ता ने बतया की उन्होंने 17 से 27 की उम्र तक प्रॉस्टिट्यूशन में रही और उसके बाद उन्हें किसी ने ये आईडिया दिया की वह दुबई चली जाए ताकि वह पर वो ज्यादा पैसे कमा लेगी ।तब सगुफ्ता ने दुबई में बार डांसर बनने के फैसला किया था और वह दुबई चली भी गयी थी । लेकिन अरब लोगों के डर से वे वहां प्रॉस्टिट्यूशन से दूर रहीं।इस दौरान उनके मान का निधन हो गया और वह तुरंत मुंबई आयी थी ।फिर वह यही रही और मुंबई और बंगलौर में शो किया करती थी ।बता दे की साल 1999 में शगुफ्ता की मां अनवरी बेगम की कैंसर के चलते डेथ हो गई।

शगुफ्ता के मुताबिक़ साल 2002 में जब यह 36 साल की थी उस दौरान उनकी मुलाकात महेश भट्ट से हुई थी और उसी दौरान उन्होंने महेश भट्ट को कहा था की वह लिखना चाहती हैं ।पर 2006 तक शगुफ्ता को कुछ काम नहीं मिला लेकिन इसके बाद मोहित सूरी की फिल्म ‘कलयुग’ के दो सीन लिखे जिसके बाद तो बॉलीवुड में इनके लिए लाइन लगने लग गयी ।शगुफ्ता को ‘वो लम्हे’, ‘आवारापन’, ‘राज 2’, ‘जिस्म 2’, ‘मर्डर 2’, ‘राज 3’ और ‘आशिकी 2’ जैसी फिल्मों के लिए लिखने का मौक़ा मिला। शगुफ्ता महेश भट्ट को अपने जुड़वां भाई के रूप में देखती हैं। उनके मुताबिक, उनकी और महेश भट्ट की जन्मतिथि एक ही है।

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