मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही यात्री बस के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी के निकट कोटवा में दुर्घटनाग्रस्त होकर 15 फीट नीचे गड्ढे में गिरने के मामले में बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा है कि उन्होंने स्थानीय लोगों और इधर-उधर से मिली सूचनाओं के आधार पर लोगों के मरने की बात कह दी, लेकिन मैंने यह भी कहा था कि जिलाधिकारी, जो रिपोर्ट देंगे, वहीं सही रिपोर्ट होगी. गुरुवार को इस दुर्घटना के बाद पहले 12 लोगों और बाद में ज्यादा लोगों के मरने की खबर मिल रही थी, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, तब जाकर यह पता चला कि इस दुर्घटना में जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई है.

मामले में आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव नेे शुक्रवार को मीडिया को बताया कि जो बयान हम 27 का दिये थे, लोकल बस जो चल रही थी, उसी के बारे में हम बोले, हम बोले कि जिलाधिकारी घटना स्थल के लिए रवाना हो गये हैं, जो वह रिपोर्ट देंगे, जो उनका रिपोर्ट होगा, वहीं अंतिम रिपोर्ट होगा. हम यह भी साथ में कहे थे, लेकिन उस तरह की बात नहीं थी. घटना कहीं होता है, तो लोग अपने-अपने तरह से उसका विश्लेषण करते हैं. उन्होंने कहा कि 13 व्यक्ति मुजफ्फरपुर से चले थे. आठ लोग अस्पताल पहुंचे, शेष पांच का कोई संकेत नहीं मिला. बस को जब निकाला गया, तो उसमें से किसी का कोई अंग नहीं मिला. स्थानीय विधायक सचिंद्र से भी बात हुई, उन्होंने कहा कि यहां, तो ऐसा कुछ मिला नहीं है, जैसा लोग बात कर रहे हैं.

इस संबंध में जिलाधिकारी रमण कुमार ने कहा कि हादसे मे बस पर सवार सभी यात्री सुरक्षित निकल गये हैं. एफएसएल की टीम ने भी घटनास्थल की जांच के बाद स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ बस जली हैं. किसी यात्री के जलने से मौत का प्रमाण घटनास्थल से नहीं मिला है. छानबीन के बाद एफएसएल की टीम वापस लौट गयी. घटना में पहले 27 लोगों के जिंदा जल जाने की बात आई, फिर एक दर्जन लोगाें के मरने की बात कही गयी. इसके बाद सात, फिर पांच यात्रियों के जलकर मरने की बात कही गयी. अब कहा जा रहा है कि बस में मानव शरीर के जले अवशेष मिले ही नहीं हैं. हाल के जांच के मुताबिक मुजफ्फरपुर से दिल्ली के लिए बस का अवैध परिचालन किया जा रहा था. बस मालिक के पास वैध परमिट नहीं था.
इनपुट:PKM

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *