मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के अपने फैसले को सही करार दिया है. उन्होंने सदन में बुधवार को इस विषय में कई बड़े बयान दिए. उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला. सीएम ने कहा कि महागठबंधन में रहता तो लालू प्रसाद के जेल जाने पर मेरी कितनी फजीहत होती, इसका अंदाजा कोई भी लगा सकता है. वे उम्मीद करते कि मैं उनसे जेल में मिलने जाऊं. क्या मुझे और कोई काम नहीं है?

नेता प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि मुझसे पूछते हैं कि मैं क्या काम करता हूं. इन्हें तो कुछ पता ही नहीं. इन्हें विभाग दिया था, कुछ किया ही नहीं. विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद-विवाद के पश्चात उन्होंने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने राजद विधायकों से कहा कि एक परिवार के कारण आप सभी की फजीहत हो रही है. भूमि विवाद के मामलों को निपटाने के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं जो नेता प्रतिपक्ष को बर्दाश्त नहीं हो रहा. किस-किस से जमीन लिखवा ली है, यही बात तो सामने आ रही जो इन्हें बर्दाश्त नहीं हो रही.

मुजफ्फरपुर सड़क हादसे की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि सड़क दुर्घटना में अगर किसी की मौत हो जाती है तो दोषी को मात्र दो साल की सजा होती है, जबकि हत्या के लिए मृत्युदंड और आजाीवन कारावास का प्रावधान है. चूंकि यह केंद्रीय कानून है इस कारण यह विचार करने के लिए हमने एक कमेटी बनाई है जो बताएगी कि राज्य स्तर पर सड़क हादसे के दोषियों को अधिक सजा का क्या प्रावधान किया जा सकता है? कमेटी सड़क हादसे कम करने के उपाय भी सुझाएगी. हमने कहा है कि मुख्य मार्गों पर अंडरपास और फूट ओवरब्रिज की भी व्यवस्था हो.

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