कई दिनों से यह खबर चल रही थी बिहार में NDA में टूट हो सकती है. NDA में शामिल बिहार के नेता अलायन्स तोड़ सकते हैं. पर ऐसा नहीं हुआ बल्कि कई सालो से बीजेपी के सहयोगी पार्टी बनी हुई शिवसेना ने NDA से दुरी बना ली हैं. शिवसेना ने ऐलान किया है कि वो अगला लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. शिवसेना संस्थापक बाला ठाकरे की जयंती पर 23 जनवरी को वरली के सरदार पटेल स्टेडियम में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई.

बैठक के दौरान ही शिवसेना 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला लिया. इस मामले
में शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया कि पार्टी ने अपने अभिमान से समझौता ना करते हुए अकेले चुनाव में जाने का फैसला किया है. बैठक में शिवसेना प्रमुख के पद पर उद्धव ठाकरे को दोबारा चुना गया. उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया है. शिवसेना के सांसद अनिल देसाई ने बताया कि केंद्रीय चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार पांच साल में एक बार कार्यकारिणी की बैठक होती है.

महाराष्ट्र में भाजपा और शिवेसना के रिश्तों में 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही खटास आ गये थे. मालूम हो कि अभी महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी की ही सरकार हैं. जबकि केंद्र में भी बीजेपी के साथ शिवसेना सरकार में है. लेकिन वक्त वक्त पर शिवसेना बीजेपी पर हमलावर होती रहती है.

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