पटना न्यूज़ डेस्क: बिहार के पूर्व सीएम व हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी का कद दिन प्रतिदिन एनडीए गठबंधन में घटता जा रहा है. एक समय था जब मांझी नीतीश के खिलाफ खड़े हए तो बीजेपी ने सर आँखों पर मांझी को बैठा लिया. लेकिन आज के समय में  जब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ है तो मांझी की अहमियत एनडीए गठबंधन में कुछ खास नहीं दिखाई दे रही है.

हाल ही के दौर को देखा जाय तो जब पीएम मोदी पटना यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे तो मांझी के चेहरे पर वो ख़ुशी नहीं झलक रही थी. जो नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन में शामिल होने से पहले झलकती थी. जब मोदी उसी दिन मोकामा जनसभा को संबोधित करने नीतीश के साथ गये तो मांझी वहा पहले से वेट करते दिखाई दिए. मंच पर सीधा मोदी और नीतीश एकसाथ पहुंचे और भाषणों का सिलसिला शुरु हुआ. पिछले कुर्सी पर बैठे मांझी को संबोधन का मौका भी नहीं मिला और पीएम ने संबोधन में मांझी का नाम भी नहीं लिया. हर मोड़ पर जीतन राम मांझी अपमानित होते दिखे.

 
अब तो केंद्र सरकार ने उनसे जेड+ का  सुरक्षा घेरा भी वापस ले लिया है. ऐसे में मांझी ने भी सुरक्षा वापस किये जाने को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा है कि इंटीलिजेंस ने अगर कहा है कि मुझे खतरा नहीं है तो ये गलत है. मुझपर और अधिक खतरा बढ़ गया है मैं इस संबंध में पीएम और गृहमंत्री से बातचीत भी नहीं करूँगा. तो वही बिहार सरकार के मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि मांझी को सुरक्षा मिलनी चाहिए, विभाग को मांझी से बातचीत करना चाहिए. गौरतलब है कि कुछ महीनें पहले मांझी के काफिले पर हमला हुआ था. जिसमे वो बाल-बाल बचे थे.
 

 
 
 

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