जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकियों में बौखलाहट है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बौखलाहट में जैश और लश्कर के आतंकी सुरक्षा बलों पर बड़ा हमला कर सकते हैं। पाकिस्तान अपनी खतरनाक ‘मुजाहिद बटालियन’ का इस्तेमाल लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए कर सकता है. यह आतंकी हमला फिदायीन हो सकता है. इस खुफिया रिपोर्ट के सामने आने के बाद सुरक्षाबलों को अलर्ट रहने का निर्देश जारी किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, एलओसी पर आतंकी और पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) भारत के सुरक्षाबलों को निशाना बना सकती है. पाक सेना के साथ आतकी लॉन्च पैड में मौजूद हैं. पीओके में तीन जगहों पर भारी संख्या में आतंकी मौजूद हैं. सभी आतंकी लश्कर और जैश के हैं. पाक अपनी खतरनाक ‘मुजाहिद बटालियन’ का इस्तेमाल बॉर्डर पर भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए कर सकती है. पाक आर्मी ने आतंकी घुसपैठ और भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला करने का प्लान तैयार किया है।
सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को रद्द किए जाने के बाद बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल स्थानीय निवासियों के साथ दोपहर का भोजन करते नजर आए. डोभाल का यह लंच कार्यक्रम यह दिखाने के लिए भी था कि घाटी के हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं या नहीं. डोभाल राज्य में सुरक्षा स्थिति का आंकलन करने कश्मीर पहुंचे थे. राज्य में अनुच्छेद 370 से संबंधित सरकार की घोषणा से पहले ही कर्फ्यू लगा दिया गया था. यहां इंटरनेट और टेलीफोन (मोबाइल व लैंडलाइन दोनों) सहित सभी संचार माध्यम बंद हैं।
एनएसए डोभाल बुधवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां स्थित एक खाली बाजार में दुकानों के बाहर कुछ मुट्ठीभर स्थानीय लोगों के साथ बैठकर बातचीत करते हुए देखे गए। इस दौरान डोभाल ने लोगों को समझाया कि राज्य में किए गए परिवर्तन के बाद कैसे स्वास्थ्य सुविधाओं और शिक्षा में सुधार कर लोगों के जीवन को आसान बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘सरकार घाटी में बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. यह निजी संस्थानों की तरह अच्छा नहीं हो सकता है, लेकिन आप निश्चित रूप से सुधार देखेंगे’
इससे पहले डोभाल ने श्रीनगर के राजभवन में राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की. इसके अलावा उन्होंने राज्य के बदले हालात के बीच सुरक्षाकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और भारतीय सेना के जवानों के समूहों को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि वह राज्य में कार्यरत सुरक्षा बलों के समक्ष खतरे से अवगत हैं, क्योंकि वह पिछले 52 वर्षों से सुरक्षा समूह का हिस्सा रहे हैं.