भारत के राज्य विदेश मंत्री मुरलीधरन अपने एक लाइव टेलीविजन इंटरव्यू के दरमियान कहा कि मई महीने से पहले विदेशों में फंसे हुए भारतीय प्रवासियों को लाने का बंदोबस्त या इसके ऊपर कोई फैसला अभी नहीं दिया गया है,  और ना ही अभी इसकी कोई प्लानिंग चल रही है.
 

 
 उन्होंने कहा भारत में रहने वाले लोगों के हेल्थ क्वॉरेंटाइन इस वक्त सबसे ज्यादा प्रमुखता यहां रह रहे लोगों की है और अभी यह वास्तव में संभव नहीं है की लाखों लोगों को विदेशों से लाकर और क्वॉरेंटाइन में रखा जा सके.
 
खाड़ी देशों में रह रहे लाखों  भारतीय प्रवासियों के लिए भारत की सरकार हर तरीके  से खाड़ी देशों को मदद के लिए प्रतिबद्ध है और वह हर संभव मदद कर रहा है और करेगा. भारत सरकार प्रवासियों के लिए खाड़ी देशों की लोकल गवर्नमेंट के साथ मिलकर जगह-जगह क्वॉरेंटाइन सेंटर सेट अप करने में मदद करेगा.
 
 इसके लिए भारत सरकार इंडियन एसोसिएशन के  इमारत, स्कूल और अन्य इंस्टिट्यूशन को विकल्प के तौर पर देख रहा है.  इस मिशन के दरमियां लोकल गवर्नमेंट के साथ मिलकर भारतीय स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती भी एक विकल्प के तौर पर देखी जा रही हैं जो कि वहां के लोकल गवर्नमेंट से अप्रूवल मिलने के बाद तुरंत शुरू कर दिया जाएगा.
 
 

 
 
 जरूरत पड़ने पर दवाई खाने पीने की चीज प्रवासी कामगारों और अन्य प्रवासी भारतीयों के लिए कम्युनिटी वालंटियर के मदद से मदद पहुंचाने की तैयारी की जाएगी.
 
 अतः भारतीय अधिकारिक बयान समझे तो भारतीय प्रवासी कामगारों का लौटना मई महीने से पहले संभव नहीं होगा.

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