सबसे पहले तो मैं अपनी हेड लाइन लिखने के लिए आपसे माफी चाहूंगा लेकिन मां कसम आपसे माफी नहीं मांग रहा हूं और एक भीख भी नहीं मांग रहा हूं आपको इस हेड लाइन के लिए क्योंकि जितना गंदा आपको इस हेड लाइन को पढ़ने के बाद जो पीड़ा आपको इस हेड लाइन के पढ़ने के बाद अनुभूति हो रही है कहीं बिहार की बिटिया के साथ हुई यह पीड़ा आपके इस पीड़ा से कई लाख गुना बड़ी होगी.
 
कभी आपने गन्ना खाया है शायद गन्ना खाते वक्त अगर मुंह में गलती से कटने के निशान पड़ जाए तो शायद यह याद आपको सप्ताह 2 सप्ताह तक रहता है,  आप पीड़ा से दूसरी चीजें खाने से भी कतराते हैं या मुंह को बढ़ा खोलने से कतराते हैं. जरा कयास लगाइए कि वो वक़्त कितना कस्टदायी होगा जब ऐसा कांड हुआ होगा.
 
क्या बीती होगी, ज़रा आँख बंद कर के सोचिए एक बार.
 
सिहर गया न पूरा बदन.??????
 
बिटिया हम तो शर्मिंदा हैं, तेरे क़ातिल अभी ज़िंदा हैं.
 
कुछ दरिंदों ने दिल्ली के निर्भया कांड जैसा ही एक और घिनौना कांड बिहार में भी दोहरा दिया है. यह इस बड़ी वारदात को बिहार के बेतिया में अंजाम दिया गया है. बेतिया के गौनाहा थाना क्षेत्र के मुरली गांव में हुई इस घटना से वहां के लोग जबरदस्त रूप से आक्रोशित हो उठे है. सभी से जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. जबकि पीड़ित परिवार प्रशासन और पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहा है. ग्रामीण यह भी कह रहे हैं कि जबतक आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तब वो शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने नहीं देंगे.

जानकारी के मुताबिक, जिले के गौनाहा थाना क्षेत्र के मुरली गांव में दिल्ली के निर्भया कांड जैसी वारदात को अंजाम दिया गया. बताया जाता है कि यहां एक 17 वर्षीया नाबालिग बच्ची से सामूहिक कुकर्म किये जाने के बाद उसकी गला दबा कर हत्या कर दी गयी है. इतना ही नहीं, दरिंदों ने पीड़िता के अंदरुनी अंगों में गन्ना डाल दिया है. वारदात की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है.

वारदात को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने शव के साथ प्रदर्शन शुरू कर दिया है. मामले को लेकर ग्रामीणों ने दरिंदों की तत्काल गिरफ्तारी और आरक्षी अधीक्षक को बुलाने की मांग पर अड़े हुए हैं. वहीं, पुलिस आक्रोशित लोगों को समझाने में जुटी है. वारदात को लेकर लोगों में गुस्सा है. इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि पीड़ित परिवार की मांग है कि प्रशासन और पुलिस सही न्याय दे.

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