केंद्र सरकार ने देश में हवाई अड्डों की क्षमता को पांच गुना से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए वह राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी। पूंजी निवेश बढ़ाने के लिए हवाई अड्डों के नियामकीय ढांचे को सुधारा जाएगा।
 
नागर विमानन मंत्रालय और एयरलाइन प्रतिनिधियों के बीच मंगलवार को नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें नेक्स्टजेन एयरपोर्ट्स फॉर भारत ( नभ ) निर्माण पहल के तहत हवाई अड्डों के लिए शहरी योजना एवं मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर विचार किया गया। इस पहल के तहत हवाई अड्डों की क्षमता पांच गुना से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य है।
 
विमानन उद्योग फिलहाल 30 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रहा है। बैठक में हवाई अड्डा आर्थिक नियामकीय प्राधिकरण कानून में और संशोधनों पर विचार किया गया जिससे क्षमता की कमी के मुद्दे को हल किया जा सके। बैठक में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के चेयरमैन गुरुप्रसाद महापात्रा भी मौजूद थे।
 
उड़ान के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल कर सकेंगे
उड़ान के दौरान आप जल्द ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकेंगे। दूरसंचार आयोग ने मंगलवार को ट्राई की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वे इसे जल्द से जल्द लागू करने के लिए खुद निगरानी करेंगे।
विमान में फोन से कॉल और डाटा के इस्तेमाल को लेकर दूरसंचार आयोग की बैठक में हवाई यात्रा और जलपोतों में मोबाइल सेवाओं की अनुमति दे दी गई। आयोग की बैठक के बाद दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने बताया कि आयोग ने उड़ान के दौरान कनेक्टिविटी (आईएफसी) पर दूरसंचार नियामक ट्राई की सिफारिशों को मंजूरी दी है। इसे जल्द लागू किया जाएगा।
 
लागू होने में तीन से चार माह लगेंगे
दूरसंचार सचिव ने कहा कि विमान के अंदर मोबाइल सेवा देने की इच्छुक कंपनियों को अलग लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए उन्हें सालाना एक रुपये लाइसेंस फीस देनी होगी। जानकारों के मुताबिक, इस व्यवस्था को लागू होने में तीन से चार महीने का वक्त लग सकता है।
दूरसंचार विभाग ने पिछले साल ट्राई से उड़ानों में डाटा एवं कॉल की सेवाएं मुहैया कराने के लिए लाइसेंस की शर्तें एवं तौर तरीके को लेकर सिफारिशें देने को कहा था। गृह मंत्रालय पहले ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है। मालूम हो, अन्य कई देशों में दूरसंचार कंपनियां पहले ही वाईफाई जैसी सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
 
इंटरनेट टेलीफोनी को भी मंजूरी
सुंदरराजन ने कहा कि इंटरनेट टेलीफोनी के बारे में ट्राई की एक को छोड़कर सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। टेलीफोनी कॉल को फोन नंबर से सम्बद्ध करने की उसकी सिफारिश नहीं मानी गई। इस मंजूरी से मोबाइल एप से किसी फोन या मोबाइल पर कॉल करने को लेकर अस्पष्टता समाप्त होगी। ट्राई के प्रस्ताव के अनुसार जिन कंपनियों के पास वैध दूरसंचार लाइसेंस हैं वे एप आधारित कॉलिंग सेवाएं दे सकती हैं। इसमें वाईफाई का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सेवा प्रदाताओं को निगरानी संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करना होगा। इस तरह की कॉल के लिए शुल्क दूरसंचार कंपनी लेगी और सामान्य कॉल के सभी नियम इस पर लागू होंगे।
 
दूरसंचार लोकपाल से कर सकेंगे शिकायत:
इसके साथ ही दूरसंचार संबंधी शिकायतों से निपटने के लिए दूरसंचार लोकपाल का पद सृजित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इसे ग्राहकों के लिए बड़ी राहत का कदम माना जा रहा है जो कि कंपनियों के खिलाफ अपनी शिकायतों के संतोषजनक निपटान नहीं होने के कारण परेशान हैं।
 
नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि दूरसंचार आयोग ने भारतीय वायुक्षेत्र में डेटा एवं वॉयस सेवाओं को मंजूरी दे दी है। भारतीय उड़ानों के लिहाज से दिलचस्प समय आने वाला है। मैं सुनिश्चित करूंगा कि प्रस्ताव का जल्द से जल्द क्रियान्वयन हो

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